सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार 6 सितम्बर के दिन भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 377 के एक हिस्से को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। आईपीसी में 1861 में शामिल की गई धारा 377 समलैंगिकों के बीच शारीरिक संबंधों को अपराध मानती थी। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें from दैनिक भास्कर https://ift.tt/2wJij3N
No comments:
Post a Comment